Wednesday, November 16, 2016

वहशी गली गली--अशोक लव


रमते जोगी मुस्कराते हैं --अशोक लव


बिटिया मीठे बोल --अशोक लव


जो था कान्हा ले गए --अशोक लव


अशोक लव की कविता ' आगे बढ़ '

आगे बढ़
---अशोक लव
आगे बढ़ आगे बढ़ आगे बढ़,
सिर उठा सीना तान आगे बढ़.

मुश्किलों के सीने पर पाँव रख,
लक्ष्यों पर टिका निगाह आगे बढ़.

क़दमों में बिजली-सी गतियाँ भर ,
लहरों को दे धकेल आगे बढ़.

राह नहीं आसान सब कह रहे ,
प्रगति-पथ पुकारता आगे बढ़.

अंधकार की कालिमा चीर कर ,
रोशनी से जगमगा आगे बढ़ .

दिशा–दिशा आज तुमसे कह रही
ध्वज उठा आगे बढ़ आगे बढ़.
*फ्लैट-363,सूर्य अपार्टमेंट,सेक्टर-6
द्वारका ,नई दिल्ली -110075 (M)+91-9971010063


अशोक लव की कविता ' सूर्य होना '


Dwarka City Kavi Sammelan : Ashok Lav Presided


अशोक लव की पुस्तक के लोकार्पण पर मन्मथनाथ गुप्त और आचार्य क्षेमचंद्र सुमन


Writer and Poet Ashok Lav Addressing students of Apeejay School of Management


साहित्यकार अशोक लव सम्मानित करते हुए


Dwarka Ramlila Mahotsav : Ashok Lav welcomes ACP Dwarka Mr Meena