कविता-कहानी-लघुकथा-उपन्यास-समीक्षा और पाठ्य-पुस्तकें
Friday, May 8, 2015
फुटपाथ पर ज़िंदगी / अशोक लव
सड़कों पर रौंदे गए उन लोगों के लिए, जिन्होंने इस संसार से विदा ले ली ओर वे जो सदा के लिए अपाहिज हो गए. उनके हिस्से आ गए, सड़कों के फुटपाथ, जैसे-जैसे जी रहे, मौत वहीं है साथ . @अशोक लव
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